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जीवन की राह पे

देखा जो गौर से हमने इस रास्ते को,

मुझे जीवन के नज़ारे दिखे ।

एक समय था जब कोई उलझने न थी,

एक वक्त था जब वक्त मिलता था यारों के साथ,

वो वक्त था खुशियो की बहारों के साथ।

आज करते हैं उस वक्त को याद,

याद आती है मुझको उस वक्त की हर एक बात।

पहले अपनों से झगड़ा क्र सोचते थे बोहोत बड़ी बात हो गयी,

आज जाकर सचाई से मुलाकात हो गयी,

वो तो था अपनापन यारों का,

अजकल अक्सर दुनिया से लड़ना पड़ता है।

आजकल प्यार नहीं,पर जीतता वो है जो शिद्दत से अपने अभिमान के लिए लड़ता है।

चलते चलते बोहोत दूर निकल गए थे हम,

आज रुक कर इस वक्त के रस्ते को रुक के देखा है।

याद करके मुस्कुराते हसीन हम,जब उस वक्त को याद करते हैं।

हम हस्ते है या रोते है जब उस वक्त्त की बात करते है।

सोच रहे थे वक्त वैसा हे होगा जैसा छोड़ा था,

पर देखा जब उस वक्त को गौर से,हमने पाया हम गुज़रे थे ज़िन्दगी के कई दौर से।

आज रास्ता वैसा नहीं है,दौर भी वैसा न रहा,

ज़िन्दगी की राह में चलते चलते रुके अभी,

देखा पिछले नज़ारों को,

बदले सारे नसरें दिखे, हम भी अपने यारों संग दूर कहीं मुस्कुराते दिखे।

ज़िन्दगी की रह में हम भी रुके अभी,

हमको जीवन के नज़ारे दिखे।

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